Skip to main content

सूत्र सर्दियों में स्वस्थ रहने के - ठंड में लापरवाही हो सकती है जानलेवा

मौसम का तेजी से बदलता मूड सेहत खराब कर सकता है, इसलिए ठंड से बचाव बहुत जरूरी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।

बढ़ सकता है दिल का रोग
इन दिनों कॉमन कोल्ड, ब्रोंकाइटिस, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खरास और फेफड़ों और सिर में जकड़न, अस्थमैटिक अटैक जैसी दिक्कतें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा, डायबीटीज, हाई बीपी और दिल के मरीजों को हो रही है। सीनियर एक्सपर्ट डॉ. एम. पी. मिश्रा कहते हैं कि सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड सर्क्युलेशन कम हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं मिल पाने के कारण हार्ट को आम दिनों की तुलना में कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में, अगर तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है तो शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता है और दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

ऐसे करें बचाव
- डायबीटीक और 60 से ऊपर की उम्र के लोग कोलेस्ट्रॉल टेस्ट (लिपिड प्रोफाइल) जरूर कराएं।
- धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें, टहलते समय घबराहट महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं।
- जो लोग खून पतला करने वाली या ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली दवाएं लेते हैं वे इसे नियमित रूप से लें।
- पहले से एंजाइना या स्ट्रोक हो अथवा बाईपास सर्जरी हुई हो वे खास ध्यान रखें।
- स्मोकिंग बिल्कुल बंद कर दें और संतुलित खान-पान लें। बाहर नहीं जा सकें तो घर में ही एक्सरसाइज जरूर करें।

हाइपोथर्मिया से रहें सतर्क
हाइपोथर्मिया होने पर कंपकंपी न होगा गंभीर लक्षण होता है। ऐसे में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसी स्थिति तब होती है जब व्यक्ति के शरीर का तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे चला जाए। सीनियर फिजीशियन डॉ. अनूप मिश्रा कहते हैं कि लक्षणों के हिसाब से इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- हल्के हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान 90 से 95 डिग्री फारेनहाइट के बीच होता है।
- भ्रम , दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही कंपकंपी भी बढ़ जाती है।
- मध्यम हाइपोथर्मिया में तापमान 82 से 90 डिग्री फारेनहाइट के बीच होता है और दिल की धड़कने धीमी हो जाती हैं , पल्स रेट अनियमित होने के साथ ही आंखों के सामने धुंधलापन व कंपकंपी कम या गायब हो जाती है।
- गंभीर हाइपोथर्मिया में तापमान 82 डिग्री फारेनहाइट से कम हो जाता है। साथ ही इसमें कोमा , ब्लड प्रेशर में कमी , पल्स का अनियमित होना और रिजिडिटी जैसे लक्षण सामने आते हैं।
- हाइपोथर्मिया होने की वजहों में ठंड में बिना कपड़ों के बाहर निकलना , ठंडे पानी का इस्तेमाल , चिकित्सीय स्थिति जैसे कि हापोथाइरॉयडिज्म , सेप्सिस आदि , उदाहरण के तौर पर ईथेनॉल का गलत इस्तेमाल।
- सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को होता है। इसकी जांच लो रीडिंग थर्मामीटर से शरीर का तापमान मापकर की जाती है , जो कि मानक तापमान से तय किया जाता है और यह थर्मामीटर 93 डिग्री फारेनहाइट तक होता है।
- प्राथमिक उपचार में मरीज के शरीर पर गीले कपड़े हांे तो हटा दें। उसे कंबल से ढक दें। कमरे का तापमान 24 डिग्री सेंटीग्रेड यानी 75 डिग्री फारेनहाइट के आसपास रखें।
- मध्यम से गंभीर किस्म के हाइपोथर्मिया के मरीजों में बाहर से भी गरमी देते रहें। इसमें गर्म कंबल , रेडिएंट हीट या गर्म हवा जो सीधे मरीज को छुए।

फ्रोजन शोल्डर भी कर सकता है परेशान
डायबीटीज के मरीज इन दिनों कंधों के जोड़ों में जकड़न की वजह से काफी परेशान हैं। हालत यह है कि सही जानकारी न होने की वजह से इन दिनों 40 वर्ष से ऊपर का हर पांचवां डायबिटिक मरीज इस समस्या के साथ अस्पतालों में पहुंच रहा है। 

डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखकर और रेग्युलर एक्सरसाइज से ठीक हो सकने वाली इस समस्या के लिए कई लोग स्टेरॉयड का इंजेक्शन भी लगवा रहे हैं , जो कि दिक्कतों को और बढ़ाने का काम कर रहा है। 

डॉ. एके झिंगन कहते हैं कि आजकल जॉइंट के कोलेजन टिश्यू में प्रोटीन जमा होने से ऐसी दिक्कतें आती हैं , क्योंकि ठंड के नाम पर लोग एक्सरसाइज आदि बंद कर देते हैं। दर्द की वजह से बढ़े तनाव के चलते ब्लड शुगर लेवल भी गड़बड़ हो रहा है, जो दूसरी परेशानियां खड़ी कर सकता है। ऐसे में डायबीटीज के मरीज अपने खान - पान और रेग्युलर एक्सरसाइज को लेकर जागरूक रहें।
साभार
नवभारत टाइम्स | Jan 3, 2013, 02.33AM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/17860765.cms

Comments

Popular posts from this blog

Glass Nagara Best Musical Instrument Of India कांच का नगाड़ा, अनूठा वाद्...

TIPS FOR CONTOURING FOR BEGINNERS

It is a one-way ticket to looking like a million bucks, but it is also very tricky to pull off. Read on to ace the art of contouring Contouring adds depth and dimension to the face. It is very flattering and helps to bring out the features. While contouring, you get to decide the look you want. You can either opt for a natural look while just defining your features or go all out with a sharp, sculpted look a la Kim Kardashian. Contouring involves a fair amount of mastery over makeup and it’s easy to go wrong. However, you can easily make it work for you with these handy tips: THE LIGHT Look at pictures of yourself in different lights and settings. Where do you see the light hitting your face? Pay close attention and observe your T-zone, around your eyebrows, chin and eyes. It is important to understand the natural contours of your face. PICK YOUR BEST FEATURE Bring out your strong features to take attention away from flaws. Pick the feature you like most and make it the focal ...

सूत्र घर की सफाई के

घर की साफ-सफाई बहुत मुश्किल काम होता है। कभी-कभी सफाई करते समय जल्दबाजी में ज्यादा मेहनत करनी पड़ जाती है, जैसे आपने अपने सोफे आदि साफ कर लिए और पंखा भूल गए, या बर्तन धो लिए और रसोई का कोई हिस्सा रह गया। ऐसे में एक ही चीज को दोबारा साफ करना पड़ जाता है। हम यहां आपको क्रम से बता रहे हैं कि घर की सफाई कैसे करनी चाहिए। सफाई के लिए आप फलालैन कपड़े से बने डस्टरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिटायर करें पुराना सामान सबसे पहले आपको घर से फालतू सामान निकाल देना चाहिए। अपनी वॉरड्रोब से पुराने कपड़े निकाल दीजिए। इसके अलावा टूटे हुए सामान, क्रॉकरी आदि सब चीजें निकाल दें। इसके बाद अपनी वॉरड्रोब को व्यवस्थित करें। धूप लगाना जरूरी अपनी वॉरड्रोब में रखे कपड़ों को कुछ देर धूप में रख दें, जिससे उनमें से सीलन की बदबू चली जाए। जालों से करें शुरुआत अक्सर घर में मकड़ियों के जाले होते हैं। घर की सफाई करने से पहले इन जालों को हटाना जरूरी है, नहीं तो बाद में घर फिर से गंदा हो जाएगा। आप मकड़ी के जाले हटाने वाले ब्रश का प्रयोग कर सकते हैं। किचन की सफाई सबसे मुश्किल काम किचन की सफाई है। किचन की सफाई के लिए सबसे पहल...