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Showing posts from November, 2013

Tips for investors to act before it’s too late

If you’re confused by the current market, seek professional help to gain from it, says Uma Shashikant The weekly seesaw in the equity indices has left the investors anxious. When they see the index climbing swiftly, they worry that they have missed the bus. When it corrects, they console themselves that their apprehension were right. However, many of them are unable to make up their minds. Should they remain invested or stay out? They ask for a view of the markets and receive mixed opinion. Some tell them that the market has bottomed out, others warn them about unknown risks waiting to play out. Much of this dilemma comes from a mix-up of strategy and tactics in investing. There are only two approaches to making money in equity. The first is the strategic bottom-up approach, which searches for stocks that are likely to perform well. This focuses on selection and requires a lot of hard work. The second is the tactical and opportunistic call on how prices will move. This approach ho...

Tips for financial choices for your child

If you are stumped by the saving, investing and money management options for your child, go through the four questions listed by Riju Dave Mehta that are likely to address your doubts As an Indian parent, you might appreciate the irony. We revel in dousing our kids with endless affection, and spurred by a consuming concern for their well-being, we span a lifetime securing their financial futures. En route, we are buffeted by an alarming array of financial choices and questions: Should I buy a child plan or is mutual fund the best way to assure funds for his later needs? Should I open a regular bank account or a child-special account? Should I take an education loan? Should I invest in the PPF or a fixed deposit? As we stumble around, tarrying for the right financial answers, the irony manifests itself starkly. Blinded by traditional biases, friendly familial advice and an expansive ignorance about investment options, we invariably deploy a blinkered approach, leading to wrong choice...

Tips For Travelling Abroad

Do Remain what you are – friendly, courteous, polite and dignified Travel in small groups – three to five persons with both genders present. Bring a book to read when using public transportation – you will not be the only person reading and it is an easy way to fit in. Make a photo copy of your passport and credit card numbers and keep them separate from your passport and credit cards – give a copy to your family. Bring your prescription drugs with you in their original containers – don’t pack them in your check in luggage. Also bring additional contacts/glasses or your corrective lens prescription with you. If you require medicine containing habit-forming substances carry a doctor’s certificate attesting to this fact. Notify a foreign contact of any medical issues including food allergies. Carry some identification – a tag, bracelet, or card – if you have a medical condition that might require emergency care. Understand completely what your health insurance covers and doe...

सूत्र सेहत और कामयाबी के

कामयाबी का नया नाम है फिटनेस। अगर किसी की सेहत सही है तो फिर वह कामयाब है। जिस तरह कामयाबी के सूत्र यानी फॉर्म्युले होते हैं, वैसे ही सेहत के भी कुछ सूत्र होते हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी सेहत को मुकम्मल रख सकते हैं। ऐसे ही चंद सूत्र बता रहे हैं डॉ. के. के. अग्रवालः अस्थमाः 2 का फॉर्म्युला परसिस्टेंट अस्थमा हो सकता है अगर... - एक महीने में रात में सोते हुए दो या ज्यादा बार अटैक हो या - एक हफ्ते में दिन में दो या ज्यादा बार अटैक हो या - साल में दो इनहेलर खत्म हो रहे हैं खतरा कब - अगर सांस में सीटी के साथ खांसी है तो मरीज को अस्थमा हो सकता है - मरीज पूरा वाक्य बोल रहा है तो ओपीडी में जाने की जरूरत - मरीज वाक्य तोड़ कर बोल रहा है तो फौरन इलाज की जरूरत - अगर शब्द तोड़ कर बोल रहा है तो इमरजेंसी यानी फौरन हॉस्पिटल में एडमिट कराएं टीबी कब 2 हफ्ते की खांसी, 3 सैंपल स्पुटम (थूक) कराएं। एक भी पॉजिटिव आएं तो टीबी है डेंगूः 20 का फॉर्म्युला मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है अगर... दिल की धड़कन 20 बढ़ जाए (नॉर्मल 60-80) ऊपर का बीपी 20 कम हो जाए (नॉर्मल 100-120) पल्स प्र...

सूत्र ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान और बचाव के

ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का कमजोर होना ऐसी समस्या है, जिससे उम्रदराज लोगों को अक्सर दोचार होना पड़ जाता है। 50 साल की उम्र के बाद हर तीन में एक महिला को यह समस्या होती है। पैनल डॉ. पी. के. दवे, चेयरमैन, ऑर्थोपिडिक डिपार्टमेंट, रॉकलैंड ह़ॉस्पिटल, नई दिल्ली डॉ. एच. एस. छाबड़ा, मेडिकल डायरेक्टर, इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, नई दिल्ली डॉ. हर्षवर्धन हेगड़े, नोवा ऑर्थोपिडिक एंड स्पाइन हॉस्पिटल, नई दिल्ली डॉ. राजीव के. शर्मा, सीनियर ऑर्थोपिडिक एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, अपोलो ह़ॉस्पिटल, नई दिल्ली डॉ. राजीव अग्रवाल, इंचार्ज, न्यूरोफिजियोथेरपी यूनिट, एम्स डॉ. शुचींद्र सचदेव, होम्योपैथी एक्सपर्ट डॉ. एल. के. त्रिपाठी, आयुर्वेद एक्सपर्ट सुरक्षित गोस्वामी, योगाचार्य क्या है ऑस्टियोपोरोसिस अगर किसी शख्स की हड्डियां कमजोर हो जाएं तो उसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। इसमें हड्डियों का बोन मास कम हो जाता है और वे भुरभुरी हो जाती हैं। इस बीमारी में दर्द के अलावा हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसे साइलेंट डिजीज कहा जाता है। यह धीरे धीरे होता है, धीरे धीरे बढ़ता जाता है और फिर...

Tips about Antibiotics Intake

Doctors Too Often Prescribe 'Big Guns'; Impatient Patients Demand a Quick Fix Overuse of antibiotics, and prescribing broad-spectrum drugs when they aren't needed, can cause a range of problems. Getty Images Doctors aren't only handing out too many antibiotics, they also are frequently prescribing the wrong ones, researchers and public-health officials say. Recent studies have shown that doctors are overprescribing broad-spectrum antibiotics, sometimes called the big guns, that kill a wide swath of both good and bad bacteria in the body. Instead, narrow-spectrum antibiotics, like penicillin, amoxicillin and cephalexin, can usually clear up many infections, while targeting a smaller number of bacteria. Professional organizations, including the American Academy of Pediatrics, and public-health groups such as the Centers for Disease Control and Prevention are pushing doctors to limit the use of broad-spectrum antibiotics. Among the most common broad-spectrum antib...

सूत्र 50 से अधिक उम्र में फिट रहने के

कुछ ऐसे मेडिकल टेस्ट हैं जिन्हें 50 साल से ज्यादा उम्र के शख्स को रेग्युलर कराते रहना चाहिए। तो अपने पिता को आज ही डॉक्टर के पास लेकर जाएं और उनके ये तमाम टेस्ट कराएं। पूरी जानकारी दे रही हैं नीतू सिंह: 1. ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग ज्यादातर भारतीय अपना ब्लड प्रेशर तभी टेस्ट कराते हैं , जब उनकी तबीयत खराब होती है। रेग्युलर जांच के अभाव में बहुत सारे लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़कर हाइपरटेंशन की कैटिगरी में पहुंच जाता है और उन्हें इसकी खबर तक नहीं होती। नतीजा हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति के रूप में सामने आता है। अगर बीपी सामान्य है तो दिल , दिल की मुख्य नसें , दिमाग , आंखें और किडनी सब दुरुस्त रहेंगे। कब 40 साल से ज्यादा उम्र के शख्स को साल में कम-से-कम एक बार अपने बीपी की जांच जरूर करानी चाहिए। सामान्य अगर ऊपर का बीपी 130 से कम हो और नीचे की रीडिंग 85 से कम हो तो चिंता की कोई बात नहीं है। 2. कॉलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग हार्ट अटैक और स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजहों में से एक कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा होना है , लेकिन अच्छी बात यह है कि कॉलेस्ट्रॉल को आप अपने खान-...

सूत्र सर्दियों में स्वस्थ रहने के - ठंड में लापरवाही हो सकती है जानलेवा

मौसम का तेजी से बदलता मूड सेहत खराब कर सकता है , इसलिए ठंड से बचाव बहुत जरूरी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। बढ़ सकता है दिल का रोग इन दिनों कॉमन कोल्ड , ब्रोंकाइटिस , खांसी , सांस लेने में तकलीफ , गले में खरास और फेफड़ों और सिर में जकड़न , अस्थमैटिक अटैक जैसी दिक्कतें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा , डायबीटीज , हाई बीपी और दिल के मरीजों को हो रही है। सीनियर एक्सपर्ट डॉ. एम. पी. मिश्रा कहते हैं कि सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए नसें सिकुड़ने लगती हैं , जिससे ब्लड सर्क्युलेशन कम हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं मिल पाने के कारण हार्ट को आम दिनों की तुलना में कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में , अगर तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है तो शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता है और दिक्कतें बढ़ जाती हैं। ऐसे करें बचाव - डायबीटीक और 60 से ऊपर की उम्र के लोग कोलेस्ट्रॉल टेस्ट (लिपिड प्रोफाइल) जरूर कराएं। - धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें , टहलते समय घबराहट महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं। - जो लोग खून पतला करने वाली या ब्ल...