बरसात का मौसम है और इस मौसम में आपको ये सावधानियां बरतनी चाहिए...
- बरसात में जब भी धूप निकले, बिस्तरों को धूप में रखना चाहिए अन्यथा उनमें से गंध आने लगती है।
- भीग जाने पर घर आते ही तुरंत गीले कपड़े बदल लें, हाथ-पैर और मुंह धोकर पोंछ लेना चाहिए अन्यथा सर्दी, खांसी, जुकाम आदि होने की आशंका रहती है। तुलसी, लौंग एवं काली मिर्च युक्त चाय पीनी चाहिए।
- जूते, चप्पल, सैंडल बरसात में भीग जाने पर घर पर आते ही खोलकर दीवार के सहारे खड़े कर देने चाहिए, ताकि पानी निकल जाए, धूप में सुखा लें। साधारण जूते, सैंडल ही पहनने चाहिए।
- बरसात में कपड़े मुश्किल से सूखते हैं। मौसम को देखते हुए ही कपड़े धोने चाहिए। बरामदे या हवादार स्थान पर डोरी या तार बांध देना चाहिए ताकि कपड़े बरसात होने पर भी सुखाए जा सकें। कपड़े सुखाने का स्टैंड रखें तो बेहतर है। गीले कपड़ों को तह करके नहीं रखना चाहिए, बदबू आने लगती है।
- पतला तौलिया काम में लें। चादर भी पतली ही रखें।
- हल्के तथा जल्दी सूखने वाले कपड़ों का चयन करें। साड़ी पहनती हैं तो कुछ ऊपर बांधनी चाहिए। इस मौसम में कुर्ता-पायजामा, सलवार-सूट ज्यादा अच्छे रहते हैं।
- बाहर से आएं तो छाते को इस प्रकार रखें कि उसका सारा पानी निकल जाए। बरसाती का प्रयोग करने के बाद सुखाकर रखना चाहिए।
- माचिस की डिबिया को किसी डिब्बे में रखें। बरसात के कारण नमक नमी सोख लेता है, उसे कांच या प्लास्टिक के डिब्बे में रखना चाहिए।
- घर का निरीक्षण कर लें, कहीं से पानी टपक रहा है तो उसे रोकने व्यवस्था करें। घर के आसपास देख लें कि पानी कहीं रुका हुआ तो नहीं है। काई जमी हो तो साफ करें।
- खिड़कियों और दरवाजे के पर्दे खोलकर तथा कमरे से कालीन उठाकर रख देना चाहिए। कमरे के बाहर पैर पोंछने के लिए पायदान रख दें।
- मोटरसाइकिल व स्कूटर की डिक्की में रेनकोट रखना न भूलें। दुपहिया वाहन धीमी गति से ही चलाना चाहिए। बड़े वाहन को साइड देते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
- छात्रों को अपने स्कूल बैग में पॉलिथीन की थैली रखनी चाहिए, ताकि पुस्तकें खराब न हों।
- रसोई में काम आने वाली दैनिक प्रयोग की वस्तुएं जैसे लोहे के बर्तन, कड़ाही चाकू, छुरी जंग लगने के कारण खराब हो सकते हैं। इन्हें काम में लेने के बाद पोंछकर रखें।
- नमी से बचाने के लिए अचार, मुरब्बे आदि के मर्तबानों का मुंह ढक कर बांध देना चाहिए।
- बिजली की तारों को भली प्रकार चेक कर लेना चाहिए। दीवार या छत से पानी टपक सकता है, करंट फैल सकता है।
- पानी को शुद्ध करके या उबाल कर पीना चाहिए।
- दही के स्थान पर नींबू का प्रयोग फायदेमंद रहता है।
साभार
आभा जैन, सांध्य टाइम्स | Jul 11, 2013, 02.40PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/home-and-relations/fitness/precautions-in-rainy-season/articleshow/21017226.cms
- बरसात में जब भी धूप निकले, बिस्तरों को धूप में रखना चाहिए अन्यथा उनमें से गंध आने लगती है।
- भीग जाने पर घर आते ही तुरंत गीले कपड़े बदल लें, हाथ-पैर और मुंह धोकर पोंछ लेना चाहिए अन्यथा सर्दी, खांसी, जुकाम आदि होने की आशंका रहती है। तुलसी, लौंग एवं काली मिर्च युक्त चाय पीनी चाहिए।
- जूते, चप्पल, सैंडल बरसात में भीग जाने पर घर पर आते ही खोलकर दीवार के सहारे खड़े कर देने चाहिए, ताकि पानी निकल जाए, धूप में सुखा लें। साधारण जूते, सैंडल ही पहनने चाहिए।
- बरसात में कपड़े मुश्किल से सूखते हैं। मौसम को देखते हुए ही कपड़े धोने चाहिए। बरामदे या हवादार स्थान पर डोरी या तार बांध देना चाहिए ताकि कपड़े बरसात होने पर भी सुखाए जा सकें। कपड़े सुखाने का स्टैंड रखें तो बेहतर है। गीले कपड़ों को तह करके नहीं रखना चाहिए, बदबू आने लगती है।
- पतला तौलिया काम में लें। चादर भी पतली ही रखें।
- हल्के तथा जल्दी सूखने वाले कपड़ों का चयन करें। साड़ी पहनती हैं तो कुछ ऊपर बांधनी चाहिए। इस मौसम में कुर्ता-पायजामा, सलवार-सूट ज्यादा अच्छे रहते हैं।
- बाहर से आएं तो छाते को इस प्रकार रखें कि उसका सारा पानी निकल जाए। बरसाती का प्रयोग करने के बाद सुखाकर रखना चाहिए।
- माचिस की डिबिया को किसी डिब्बे में रखें। बरसात के कारण नमक नमी सोख लेता है, उसे कांच या प्लास्टिक के डिब्बे में रखना चाहिए।
- घर का निरीक्षण कर लें, कहीं से पानी टपक रहा है तो उसे रोकने व्यवस्था करें। घर के आसपास देख लें कि पानी कहीं रुका हुआ तो नहीं है। काई जमी हो तो साफ करें।
- खिड़कियों और दरवाजे के पर्दे खोलकर तथा कमरे से कालीन उठाकर रख देना चाहिए। कमरे के बाहर पैर पोंछने के लिए पायदान रख दें।
- मोटरसाइकिल व स्कूटर की डिक्की में रेनकोट रखना न भूलें। दुपहिया वाहन धीमी गति से ही चलाना चाहिए। बड़े वाहन को साइड देते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
- छात्रों को अपने स्कूल बैग में पॉलिथीन की थैली रखनी चाहिए, ताकि पुस्तकें खराब न हों।
- रसोई में काम आने वाली दैनिक प्रयोग की वस्तुएं जैसे लोहे के बर्तन, कड़ाही चाकू, छुरी जंग लगने के कारण खराब हो सकते हैं। इन्हें काम में लेने के बाद पोंछकर रखें।
- नमी से बचाने के लिए अचार, मुरब्बे आदि के मर्तबानों का मुंह ढक कर बांध देना चाहिए।
- बिजली की तारों को भली प्रकार चेक कर लेना चाहिए। दीवार या छत से पानी टपक सकता है, करंट फैल सकता है।
- पानी को शुद्ध करके या उबाल कर पीना चाहिए।
- दही के स्थान पर नींबू का प्रयोग फायदेमंद रहता है।
साभार
आभा जैन, सांध्य टाइम्स | Jul 11, 2013, 02.40PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/home-and-relations/fitness/precautions-in-rainy-season/articleshow/21017226.cms
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