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ChachaJi Hain Na: Satire By Girish Pankaj चाचाजी हैं ना: गिरीश पंकज का ध...

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सूत्र सुरक्षित दिवाली मनाने के

आज रोशनी का त्योहार दिवाली है। इस त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन लापरवाह रहने से इस पर्व का मजा किरकिरा हो सकता है। सुरक्षित और सेहतमंद दिवाली कैसे मनाएं बता रही हैं नीतू सिंह : दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने के दरम्यान बहुत-से लोगों के जल जाने की शिकायत आती है। पल्यूशन और तेज धमाकों की वजह से आंखों में जलन, दम घुटने, हार्ट अटैक और कान बंद होने जैसी दिक्कतें भी आम हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसी हालत से बचने के लिए एहतियात जरूरी है। जलने की हालत यह पूछने पर कि जलने की कौन-सी हालत ज्यादा खतरनाक होती है, ज्यादातर लोगों का जवाब होता है, दर्द होने या छाला पड़ने पर। सचाई इसके उलट है। जानिए जलने की हालत के बारे में : - जलने की दो हालत होती है : एक सुपरफिशियल बर्न और दूसरी डीप बर्न। - सुपरफिशियल बर्न में दर्द और छाले हो जाते हैं , जबकि डीप बर्न में शरीर का जला हिस्सा सुन्न हो जाता है। - अगर जलने के बाद दर्द हो रहा है , तो इसका मतलब है , हालत गंभीर नहीं है। ऐसे में जले हुए हिस्से को पानी की धार के नीचे रखें। इससे न सिर्फ जलन शांत होगी , बल्कि छाले भी नहीं पड़ेंगे। बरनॉल न लगा

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